
IAS रामविलास यादव । फोटो सोशल साइट्स से
गाजीपुर/लखनऊ । पीसीएस अधिकारी रहते हुए प्रमोशन पा कर आईएएस IASबने रामविलास यादव इन दिनों विजिलेंस के राडार पर हैं। मूल रूप में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर Ghazipur जनपद के रहने वाले आईएएस अधिकारी पर अपने सेवाकाल में दोनों हाथों से संपत्ति बटोरने का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विजिलेंस जांच में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले रामविलास यादव पर आय से 547 गुना से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप है। बता दें कि आईएस IAS राविलास यादव इसी 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। रामविलास पहले उत्तर प्रदेश और अब उत्तराखंड कैडर के पूर्व नौकरशाह हैं।
उल्लेखनीय है कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों से घिरे रामविलास यादव के लखनऊ स्थित उनके दो आवासों के अलावा गाजीपुर, गाजियाबाद और देहरादून में विजिलेंस ने शनिवार 11 जून को एक साथ छापेमरी की थी। बता दें कि इसी 30 जून को रामविलास यादव रिटायर होने वाले हैं और अभी वह उत्तराखंड में ग्राम विकास विभाग में अपर सचिव के पद पर तैनात हैं।
सपा सरकार में कई पदों पर तैनात रहे रामविलास यादव
बता दें कि रामविलास याद पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव और मंडी परिषद के अपर निदेशक सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं देते रहे। आईएएस राम विलास यादव के खिलाफ योगी सरकार में सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा ने यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत की थी। इसी शिकायत पर उनके खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू हुई थी। बताया जा रहा है कि इसी दौरान रामविलास यादव उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड कैडर में चले गए थे।