रजनीश कुमार मिश्र ( गाजीपुर) पैसे देख कर हर उस ईशान की नीयत बदल जाती है । जो कहता है की हम बहुत ईमानदार है लेकिन रूपयों से भरा बैग देख कर वहीं इंसान का नीयत बदलते देर नहीं लगता । जो कहता है की हम ईमानदार है पैसे के लिए वो किसी से भी गद्दारी कर सकता है । चाहे वो अपना सगा ही क्यों ना हो ऐसा ही एक मामला गाजीपुर जनपद के करीमुद्दीनपुर थाने में देखने को मिला जहां एक व्यक्ति ने अपने ही सगे भाई के दस लाख रुपये गबन करने के चक्कर में पुलिस को फर्जी लूट की सूचना देने थाने पहुंच गया । भला हो पुलिस का की समय रहते ही झूठ से पर्दा हटाकर सारा मामला सामने ला दिया ।
ये है पुरा मामला
इस संबंध में तेजतर्रार करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया की एक फरवरी को बलिया जनपद के नरहीं थाने क्षेत्र के टुटवारी गांव निवासी सम्राट सिंह पुत्र हरिकिशुन सिंह ने थाने पहुंच पुलिस को फर्जी लूट की लिखित सूचना देते हुए। बताया की 31 फरवरी की रात करीब आठ बजे गोड़उर पुलिया के आगे करीमुद्दीनपुर थाने क्षेत्र में अपाचे सवार नकाबपोश बदमाशों ने याचिकाकर्ता से ही कट्टा सटाकर दस लाख रुपये व मोबाईल लूट कर फरार हो गये । थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया की लूट का समय व थाने पहुंच तहरीर देने के समय में काफी अंतर था । जो लूट का मामला हमें संदिग्ध लगा उन्होंने बताया की ऐसे मामले में तुरंत पुलिस को लोग सूचित करते है । उन्होंने बताया संदिग्ध मामले को देखते हुए हमने अपने उच्चाधिकारियों को इस घटना से अवगत कराया । तो पुलिस अधीक्षक के निर्देश व क्षेत्राधिकारी मोहम्मदाबाद के कुशल मार्गदर्शन में हम लोगों ने गहनता से जांच पड़ताल शुरू कर दी ।
सीडीआर रिपोर्ट से खुला मामला
थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया की जब याचिकाकर्ता सम्राट सिंह का सीडीआर रिपोर्ट खंगाला गया तो मामला परत दर परत खुलता गया । जिसके आधार जब थाने आये याचिकाकर्ता सम्राट राय से ही कड़ाई से पुछताछ शुरू किया गया तो उसने अपना जुर्म कबूल करते.हुए बताया की हमने ही अपने बड़े भाई के दस लाख रुपये गबन करने के चक्कर में ये पुरा तानाबाना बुना था । पुलिस ने बताया की आरोपी सम्राट राय के निशानदेही पर दो फरवरी सुबह करीब पांच बजे उसके घर के बगल आटा चक्की से दस लाख रूपये बरामद किया गया । उन्होंने बताया की अपने भाई को धोखा देना व पुलिस को फर्जी लूट की सूचना देने के आरोप में जो की एक दंडनीय अपराध है । इस अपराध में आरोपी के उपर मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया । मामले की खुलासा करने वाली टीम में थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह , उपनिरीक्षक हैदर अली मंसूरी , कांस्टेबल अवधेश कुमार व संजीव कुमार शामिल रहे ।