
अपने प्रेमी अजय के साथ शहनाज। मंदिर में विवाह के दौरान। स्रोत: गुगल से
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में दो मुस्लिम युवतियों ने मंदिर में हिंदू रीति रिवाज के सात फेरे लेकर परिणय सूत्र में बंध गईं। मुस्लिम से हिंदू बनीं युवतियों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर उसे बकायदा पंजीकृत भी करवाया। मुस्लिम से हिंदू बनी इन युवतितयों ने कहा कि जिस धर्म में 3 बार तलाक बोल देते हैं और फिर हलाला करवाते हैं वह धर्म उन्हें पसंद नहीं है। इन लड़कियों ने कहा मुस्लिम धर्म में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा कि ड़कियों को हमेशा डर बना रहता है कि उनका शौहर कब उन्हें 3 बार तलाक बोल दे और फिर हलाला करने को कहे। इन दोनों लड़िकयों ने कहा कि उनका हिंदू धर्म में आस्था हैं और वे पहले से ही हिंदू धर्म के प्रति आकर्षित थीं।
यह मामला उत्तर प्रदेश के बरेली के मढ़ीनाथ का है। यहां के अगस्त मुनि आश्रम में इन दोनों युवतियों का विवाह पंडित केके शंखधार ने करवाया। मुस्लिम से हिंदू बनी इन युवतियों का नाम इरम और शहनाज था। जो अब स्वाती और सुमन नाम से जानी जाएंगी। इन लड़कियों का हिंदू लड़कों से विधि-विधान के साथ विवाह कराया गया। इस दौरान दोनों लड़कियों ने सात फेरे लिए। लड़कों ने उनकी मांग में सिंदूर भरा। फिर मंगल सूत्र पहनाया। इसके बाद दोनों जोड़ों ने पंडित जी का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
बताया जा रहा है कि इरम और आकाश दो साल से दोस्त थे। इरम जैदी उर्फ स्वाति की उम्र 19 साल है। इरम का कहना है कि वह बालिग और अपनी मर्जी से हिंदू धर्म के लड़के से शादी कर सनातन धर्म अपनाया है। बरेली के शागलपुर की रहने वाली शहनाज ने बताया कि वह दसवीं पास है और अजय से प्यार करती है। और हिंदू युवक अजय से विवाह कर रही है। इन दोनो युवतियों ने कहा कि उन्हें बुर्के में रहना पसंद नहीं है। इन दोनो युवतियों ने दसवीं तक पढ़ाई की है।