
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ। फोटो स्रोत सोशल साइट्स से
Lucknow । UP सरकार ने दंगाईयों, उपद्रवियों धरना-प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में उपद्रव करने, दंगा-फसाद, रोष प्रदशर्न और बंद के दौरान यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो सरकार मुआवजे की राशि दंगाइयों से वसूलेगी जो पांच लाख या इससे अधिक हो सकती है। दंगाइयों से वसूल किया गया यह मुआवजा मरने वाले व्यक्ति को दिया जाएगा।
यही नहीं उपद्रवियों या दंगाइयों को सफाई में यह भी कहने का अधिकार भी नहीं होगा कि मृतक या घायल व्यक्ति खुद इसके लिए जिम्मेदार था। यह विधेयक शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में पारित किया गया।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने शुक्रवार को विधानसभा में विधेयक को प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2020 में प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2020 पारित किया गया था। इसी अधिनियम में कुछ संसोधन करते हुए इसे दोबारा सदन में पेश किया गया है। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि दंगे के दौरान किसी व्यक्ति की मौत या दिव्यांग होने पर दावा अधिकरण की ओर से दोषी ठहराए गए उपप्रवियों-दंगाइयों को मुआवजा की राशि तीस दिन के अंदर जमा करानी होगी। इसमें किसी तरह की कोई रियायत की कोई गुंजाइश नहीं है।