the jharokha news

मुफ्त में कंडोम क्यों बांट रहा है इस गांव का सरपंच, कारण जानेंगे तो आप भी कहेंगे, ठीक हो रहा है

मुफ्त कंडोम क्यों बांट रहा है इस गांव का सरपंच, कारण जानेंगे तो आप भी कहेंगे, ठीक हो रहा है

प्रतिकात्मक फोटोो। स्रोत : सोशल साइट्स

पुणे : शायद ही आपने कभी सुना होगा कि किसी गांव का सरपंच घर-घर जा कर कंडोम बांट रहा है, वह भी मुफ्त। जी हां सही सुना आपने। इस समय ऐसा ही हो रहा है पुणे के एक गांव में। इसका कारण जीका वायरस बताया जा रहा है।

इस समय दुनिया के अन्य देशों की तरह ही भारत के लोग भी कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं। अभी यह वायरस खत्म भी नहीं हुआ कि जीका वायरस ने दरवाजे पर दस्तक दे दी है। वहीं कोरोना की तीसरी लहर का संभावित खतरा भी बर्करार है। इससे बचने के लिए टीकाकरण भी तेज कर दिया गया है।

वहीं इस समय पुणे से खबरें आ रही हैं कि यहां के एक गांव में खतरनाक जीका वायरस का एक मामला सामने आया है।
जीका वायरस आरोग्य विभाग के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है। इस लिए अब आरोग्य विभाग ने इस वायरस का खतरा रोकने के लिए कंडोम का सहारा लिया है। आरोग्य विभाग का कहना है कि संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को संभोग के दौरान कंडोम का प्रयोग करने को कहा है।

  अरे! यह क्या ? रेप का आरोपी लड़का नहीं, लड़की निकला, गश खा कर गिरते-गिरते बची पुलिस, डाक्टर भी हो गए हैरान

गांव में जीका वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद सरपंच ने गांव के लोगों को मुफ्त में कंडोम बांटने की पहल की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुणे के बेलसर गांव में जीका को बढ़ने से रोकने के लिस स्वास्थ्य विभाग ओर गांव के सरपंच की तरफ से हर स्तर पर उपाय किए जा रहे हैं।

  पाकिस्तानी लड़कियां भारतीय लड़कों से करना चाहती हैं शादी, आखिर क्या है वजह, पढ़ें पूरी खबर

ताकि गर्भ न ठहरे इस लिए बांटा जा रहा है कंडोम

अब लोग यह सोच रहे होंगे भला कंडोम का जीका से क्या संबंध। यह जान लें कि स्वास्थ्य संगठन और गांव की पंचायत ने अगले चार माह तक महिलाओं को गर्भवती होने से रोकने के लिए फ्री में कंडोम बांटने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जीका वायरस एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। विभाग के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को जीका होने का खतरा अधिक होता है।








Read Previous

बेटे के दोस्त से ही कर ली शादी, सात बच्चों की मां है महिला

Read Next

बागपत में बवाल, मुस्लिम और जैन समाज आमने सामने, चले ईंट-पत्थर

Leave a Reply

Your email address will not be published.